एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल वर्च्यूअल कॉन्फर्न्स में जैव / रासायनिक शास्त्रोपर निर्बंध लगाने कि अपील

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल वर्च्यूअल कॉन्फर्न्स  में जैव / रासायनिक शास्त्रोपर निर्बंध लगाने कि अपील

  • इस समस्या के समाधान हेतु संयुक्त राष्ट्र और प्रधानमंत्री कार्यालय को एक कानूनी ढांचा प्रस्तुत करने का दिया प्रस्ताव
  • वैश्विक महत्व के संस्थानों की मजबूती के लिए प्रोत्साहन
  • एक सुरक्षित और स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक हित और नीति-निर्धारण के लिए विद्वानों के दस्तावेजी प्रदर्शन और सिफारिशें

भारत27 जून2020 - खासकर जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ रही हैऐसे में जैविक युद्ध और जैव आतंकवाद का खतरा दुनिया भर में एक ज्वलंत मुद्दा है। वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैंकुछ लोग इसे जैविक युद्ध का आगाज होने का दावा कर रहे हैं। हमारे देश और चीन के बीच वर्तमान में सीमा पर बढ़ रहे तनावअन्य पड़ोसी देशों के साथ अस्थिर संबंधआतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीचतत्काल जैव / रासायनिक हथियारों से उत्पन्न खतरे का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। बायोलॉजिकल वेपन कन्वेंशन और रासायनिक शस्त्र निषेध संगठनये दो ऐसे महत्वपूर्ण निकाय हैंजिन्हें सामूहिक विनाश करने वाले हथियारों से छुटकारा दिलाने का काम सौंपा जाता हैदुर्भाग्य से इनके पास किसी भी निर्णय को रद्द करने का अधिकार नहीं है।

इस मुद्दे पर प्रकाश डालने के लिएभारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानएमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने जैविक और रासायनिक हथियारों के उन्मूलन पर चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्च्यूअल सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में दुनिया भर से 20,000 से अधिक प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी रही। इस सम्मेलन के माध्यम सेविश्वविद्यालय ने जागरूकता फैलाने के साथ ही जैव युद्ध के विरुद्ध युवाओं को जागृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सम्मेलन में इस तरह के हथियारों के अनुसंधान और विकास पर अंकुश लगाने के लिए एक कानूनी प्रावधान स्थापित करने के अपने अंतिम लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया गया।

 

वर्तमान परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुएएमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड ने कहा कोविड-19 महामारी ने हमारे सांसारिक जीवन में काफी व्यवधान पैदा किया है। कईयों का अनुमान है कि दुनिया पर वर्चस्व कायम करने के लिए जान बूझकर वायरस को फैलाया गया ।उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि कुछ राष्ट्रों के लालच के कारण हम इंसान ही हैंजो सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने की बजाय शांति और सद्भाव की दिशा में काम करने की शपथ लेनी चाहिए।

 

उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुएएमएईईआर समूह के उपाध्यक्षएमआईटीडब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्षबीसीएसएमआईटीएसओजीएनटीसीएनडब्ल्यूपीसरपंच संसद के संस्थापक राहुल वी कराड ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन में ठहराव ला दिया है और यह हमारे लिए दुनिया के काम करने के तरीके पर पुनर्विचार करने का एक महत्वपूर्ण समय है। विश्व शांति के विचार के लिए समर्पित एक शिक्षण संस्थान के रूप मेंहम जैव रासायनिक हथियारों के उन्मूलन की दिशा में काम करने में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम सेहमारा एजेंडा विभिन्न देश के लोगों को एक साथ लाकर जैव युद्ध के उन्मूलन के लिए एक तंत्र विकसित करने की तैयारियों के साथ ही जागरुकता पैदा करना था।

 

सम्मेलन के दौरान, बोलते हुएएमआईटी-जब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉएन टी राव ने कहा कि अलग-अलग बौद्धिक प्रतिभा वाले लोग इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र से रासायनिक और जैविक हथियारों के कारण उत्पन्न होने वाले इस खतरे को समाप्त करने की अपील करने के लिए एक साथ आए हैं। एमआईटी-डब्ल्यूपीयू मेंविश्व शांति में विश्वास करने वाले सामूहिक रूप से अपना पक्ष रखने औऱ विचार-विमर्श के बाद एक निष्कर्ष पर आते हैं और दुनिया की भलाई के लिए प्रस्ताव पारित करते हैं।

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